बड़े-बड़े नाखूनों वाले हिंसक प्राणी से बचकर रहना चाहिए, न जाने वे कब आपके ऊपर हमला कर दें। जिन नदियों के पुश्ते अथवा तट पक्के नहीं, उन पर इसलिए विश्वास नहीं किया जा सकता कि न जाने उनका वेग कब प्रचंड रूप धारण कर ले और कब उनकी दिशा बदल जाए, न जाने वे और किधर को बहना प्रारंभ कर दें। इसलिए प्रायः नदियों के किनारे रहने वाले लोग सदैव उजड़ते रहते हैं।
बड़े-बड़े सींग वाले सांड़ आदि पशुओं का भी भरोसा नहीं है, कौन जाने उनका मिजाज कब बिगड़ जाए। जिसके पास तलवार आदि कोई हथियार है, उसका भी भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वह छोटी-सी बात पर क्रोध में आकर कभी भी आक्रामक हो सकता है। चंचल स्वभाव वाली स्त्रियों पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। वह अपनी चतुरता से कभी भी आपके लिए प्रतिकूल परिस्थितियां पैदा कर सकती हैं। इस तरह के कई उदाहरण प्राचीन ग्रंथों में मिल जाएंगे। राजा से संबंधित राजसेवकों और राजकुल के व्यक्तियों पर भी विश्वास करना उचित नहीं। वे कभी भी राजा के कान भरकर अहित करवा सकते हैं। इसी के साथ वे राज नियमों के प्रति समर्पित और निष्ठावान् होते हैं। राजहित उनके लिए प्रमुख होता है—संबंध नहीं।
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