​माँ थावेवाली की कथा – Maa Thawewali Ki Katha

maa thawe wali ki katha

जय माँ थावेवाली माँ दुर्गा तीनो लोको में सर्व शक्तिमान है।  ब्रहमांड में मौजूद हर तरह की शक्ति इन्ही की कृपा से प्राप्त होती है और अंत में इन्ही में समाहित हो जाती है । इसीलिए माता दुर्गा को आदि शक्ति भी कहा जाता है। देवताओ ने भी जब राक्षसों के साथ Continue reading… Continue reading

मां दुर्गा के श्लोक व क्षमा प्रार्थना

Godess Navadurga

मां दुर्गा के श्लोक प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयम्‌ ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चंद्रघण्टेति कुष्मांडेति चतुर्थकं॥ पंचमं स्कंदमातेति, षष्टम कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति, महागौरीति चाष्टमं॥ नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा प्रकीर्तिताः॥ क्षमा प्रार्थना अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया। दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥ आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्‌। पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि॥ मन्त्रहीनं Continue reading… Continue reading

श्रीदुर्गा चालीसा

Ambey Bhawani

श्रीदुर्गा चालीसा नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो अंबे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥ रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥ तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥ अन्नपूर्णा Continue reading… Continue reading

श्रीदुर्गा जी की आरती

Mata Darbar

श्रीदुर्गा जी की आरती जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ ॐ जय अंबे गौरी… मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को । उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ ॐ जय अंबे गौरी… कनक समान कलेवर, रक्तांबर राजै । रक्तपुष्प गल माला, Continue reading… Continue reading

सिंहासनी भवानी माँ थावेवाली की ​आरती

Maa Thawewali

सिंहासनी भवानी माँ थावेवाली की ​आरती ॐ जय माँ थावेवाली सुमिरौ जो सिंहासनी भवानी काटे संकट देवे करू, होवे पूर्ण मंशा मन-मानी कतरा घास के धान बनावें, रहशु जी जब ध्यान लगावें सात बाघ दायें झरे चावल, शक्ति सबने माँ की जानी ॐ जय माँ थावेवाली सुमिरौ जो सिंहासनी भवानी Continue reading… Continue reading

सिंहासनी भवानी माँ थावेवाली की ​प्रार्थना

सिंहासनी भवानी माँ थावेवाली की ​प्रार्थना ॐ शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी  नमोस्तुते । श्री स्कन्दमाता महागौरी पूजत गणेश ॥ ॐ काण्मांडा कालरात्रि नमोस्तुते । श्री चंद्रघण्​टा ध्यावत ब्रह्माविष्णुमहेश ॥ ॐ कात्यायनी सिद्धरात्रि नमोस्तुते । श्री महाकाली  तेरा रूप अनेक ॥ ॐ सिंहासनी भवानी थावे वाली नमोस्तुते । शत्रु संहारो मेरे निवारो दुःख क्लेश ॥ —:जय माँ थावेवाली :— Continue reading… Continue reading